प्रश्न : मन मे वाद-विवाद को कैसे रोका जाये ?
पहली शर्त है जितना हों सके उतना कम बोलो ।
दूसरी शर्त है, केवल उसी चीज के बारे मे सोचो जो तुम इस समय कर रहे हो, उसके बारे मे मत सोचो जो तुम्हें करना हैं या जो तुम कर चुके हो ।
जो हो चुका है उसके लिये कभी न पछताओ और जो होने वाला है उसकी कल्पना न करो ।
जहां तक बन पड़े अपने विचारों मे निराशा को रोको और स्वेच्छापूर्वक आशावादी बनो ।
संदर्भ : शिक्षा के ऊपर
... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते…
यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
उनके लिये कुछ भी मुश्किल नहीं है जो भगवान को सच्चाई के साथ पुकारते हैं…