प्रेम और स्नेह की प्यास

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प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है जब वह भगवान की ओर…

कुछ भी मुश्किल नहीं

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उनके लिये कुछ भी मुश्किल नहीं है जो भगवान को सच्चाई के साथ पुकारते हैं । संदर्भ : माताजी के…

क्रोध

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क्रोध में कभी कोई समझदारी की बात नहीं की जाती, सिर्फ मूर्खता ही निकलती है । संदर्भ : माताजी के…

श्रीअरविंदआश्रम क्या है ?

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मधुर माँ , जब कोई नया आदमी आकर पूछें कि श्रीअरविंदआश्रम क्या हैं, तो हम ऐसा क्या जवाब दे सकते…

प्रशंसा

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जब तुम अपने-आपको किसी नि:स्वार्थ कार्य की परिपूर्णता के लिये सौंप देते हो तो कभी सामान्य लोगों से प्रशंसा या…

देने का तरीका

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श्रीमाँ दोनों तरीकों से देती हैं - नेत्रों के द्वारा चैत्य को प्रदान करती हैं और अपने हाथों द्वारा भौतिक…

निरुत्साहित मत हो

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किसी कठिनाई के कारण बेचैन या निरुत्साहित मत होओ, बल्कि चुपचाप और सरल भाव से अपने को माताजी की शक्ति…

बीमारी में अस्वस्थ रुचि

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अगर तुम बीमार पड़ते हो तो तुम्हारी बीमारी की इतनी व्याकुलता और भय से देख-रेख की जाती है, तुम्हारी इतनी…

भूलों को ठीक करने का एकमात्र उपाय

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भूतकाल के बारे में सोचते रहना बिलकुल गलत है । सच्ची विधि तो यह याद रखना है कि भगवान की…

श्रीअरविंद और श्री माँ की और खुला होना

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क्या यह हो सकता है कि एक व्यक्ति जो श्रीअरविंद की ओर खुला है, माँ की ओर खुला न हो…