भगवान

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वास्तव में भगवान वही हैं जिनकी गहराई में तुम अभीप्सा करते हो । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

कृतज्ञता

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कृतज्ञता : तुम ही सब बंद द्वारों को खोलती हो और उस कृपा को जो रक्षा करती हैं, गहराई में…

भारत की हर समस्या का समाधान

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देश को कठिनाई से उबारने के लिए क्या करना चाहिये? श्रीअरविंद ने सभी मुश्किलों को पहले ही देख लिया था…

प्रेम

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प्रेम सबके साथ है, प्रत्येक की प्रगति के लिये समान रूप से कार्य कर रहा है-लेकिन विजय उन्ही में पाता…

कम बोलो

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जब कोई काम करना हो तब उसके बारे में जितना ही कम बोलो उतना ही अच्छा है । संदर्भ :…

आध्यात्मिक सत्य के स्वप्न

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जब किसी साधक को आध्यात्मिक सत्य के स्वप्न आते है तो क्या इसका यह अर्थ नहीं होता कि उसकी प्रकृति…

मेरा स्पर्श

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मेरा स्पर्श सदैव बना रहता है; बस तुम्हें उसे अनुभव करना सीखना होगा। न केवल किसी माध्यम द्वारा -  जैसे…

सच्ची वृत्ति

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जब तक तुम अपने-आपको रूपांतरित करने और रूपांतरित न करने की इच्छा के बीच डुलते रहो - प्रगति के लिए…

मन का उत्तर या चैत्य का उत्तर 

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​जो अपने चैत्य पुरुष के बारे में पूरी तरह सचेतन हैं उनके लिये अपने-आपको धोखा देना संभव नहीं है क्योंकि,…

भोजन और नींद

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मैं अनुभव से जानती हूँ कि भोजन कम कर देने से नींद सचेतन नहीं हो जाती ; शरीर बेचैन हो…