जिसकी सचमुच जरूरत होगी, वह चीज़ अवश्य आयेगी । आशीर्वाद ! संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
भगवान पर श्रद्धा रखने और भरोसा करनें में क्या अन्तर है ? जैसा कि श्रीअरविंद ने लिखा है, श्रद्धा भरोसे…
[कप्तान (खेल-कूद के प्रशिक्षण) के चरित्र के बारे में किसी की टिप्पणी के विषय में ] लोग जो कुछ कहते…
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…
हर के के अन्दर अपने अहंकार होते हैं और सभी अहंकार एक-दूसरे से टकराते रहते हैं। आदमी स्वतंत्र सत्ता तभी…
क्या चेतना के सुधार से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुस्थिर हो जाती है? यदि "चेतना के सुधार" का मतलब है…
मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह…
अगर वह दूर से सहायता ग्रहण नहीं कर सकता तो यहाँ रह कर योग जारी रखने की आशा कैसे कर…
एष: धर्म: सनातन: । हिंदु धर्म कोई संप्रदाय या मतान्ध धर्म सिद्धान्त, सूत्रो की गठरी, सामाजिक नियमों का संग्रह नहीं…
बाहर के सारे शोर को चुप कर दो, भगवान की सहायता के लिए अभीप्सा करो। जब वह आये तो उसकी…