प्रार्थना

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अत्यंत प्रचंड आंधी-तूफानमें भी दो चीजें अडोल बनी रहती हैं : यह संकल्प कि सब लोग वास्तविक प्रसन्नता- तेरी प्रसन्नता…

कृष्ण

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अंततः मुझे मिला इस मधुर और भीषण जगत में आत्मा के जन्म का उद्देश्य, मैंने अनुभव किया पृथ्वी का क्षुधित…

माताजी की सतत उपस्थिति का तात्पर्य

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आपने कहा है, “हमेशा इस प्रकार व्यवहार करो मानों श्रीमां तुम्हारी और ताक रही हों; क्योंकि वह, सचमुच, हमेशा उपस्थित…

कृष्ण कौन है ?

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कृष्ण वैश्व भगवान् और अन्तरस्थ भगवान् दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम उनसे अपनी सत्ता के अन्दर भी मिल सकते…

सत्य सेवा

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हे प्रभु ! आज प्रातःकाल जैसे ही मैंने इस प्रारंभ होने वाले मास की ओर दृष्टि डाली और अपने-आपसे पूछा…

बस तुम्हारा एक ही काम

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बस तुम्हारा काम है अभीप्सा करना, अपने-आपको श्रीमां की ओर खुला रखना, जो भी चीजें उनकी इच्छा के विरुद्ध हैं…

विवाह-प्रथा का अंत

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. . . निश्चय ही शादी-ब्याह का सारा विचार ही हास्यपद है क्योंकि मैं इस चीज़ को बचकाना समझती हूँ।…

मृत्यु पर ..

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(किसी की मृत्यु पर) जो हो चुका है उसे अब तुम्हें यह मान कर बहुत शान्ति से स्वीकारना होगा कि…

भय

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भय एक अपवित्रता है, सबसे बड़ी अपवित्रताओं में से एक, उनमें से एक जो उन भगवद्विरोधी शक्तियों के अत्यंत प्रत्यक्ष…