उस कार्य को करने के लिए ही हमने जन्म किया ग्रहण,
कि जगत को उठा प्रभु तक ले जाएं, उस शाश्वत प्रकाश में पहुंचाएँ,
और प्रभु को उतार जगत पर ले आएँ; इसलिए हम भू पर आये
कि इस पार्थिव जीवन को दिव्य जीवन में कर दे रूपांतरित ।
संदर्भ : सावित्री
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…