स्वाधीनता बाहरी परिस्थितियों से नहीं , आंतरिक मुक्ति से आती है । अपनी अंतरात्मा को खोजो, उसके साथ एक हो , उसें अपने जीवन पर शासन करने दो तो तुम स्वाधीन हो जाओगे।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)
स्वाधीनता बाहरी परिस्थितियों से नहीं , आंतरिक मुक्ति से आती है । अपनी अंतरात्मा को खोजो, उसके साथ एक हो , उसें अपने जीवन पर शासन करने दो तो तुम स्वाधीन हो जाओगे।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)
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