माँ, मुझे लगता है कि मैं बहुत ही छिछोरा व्यक्ति हूँ। क्या आप मुझे बदलोगी नहीं ?
मैं तुम्हें बदल कर बहुत खुश होउंगी, लेकिन क्या तुम्हें पूरा विश्वास है कि तुम्हारे अन्दर जो चीज़ छिछोरी है वह बदलना चाहती भी है ?
तुम मुझसे सहायता की आशा कैसे करते हो जब तुम्हें मेरे ऊपर भरोसा ही नहीं है !
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…