चैत्य पुरुष उन सबके लिए,जो आध्यात्मिक मार्ग के लिए बनें हैं, समान कार्य करता है – योग का अनुगमन करने के लिए लोगों को असाधारण होने की आवश्यकता नहीं है। तुम यही भूल कर रहे हो – महानता का राग अलापने की, मानों केवल महान व्यक्ति ही आध्यात्मिक हो सकता है ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग -२)
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…