एक पंद्रह वर्ष की लड़की ने पूछा, “सत्य क्या है ?”
मैंने उत्तर दिया, “परम प्रभु की इच्छा ।”
यह चिंतात्मक ध्यान के लिए विषय है ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
भगवान् के साथ जो तुम्हारा सम्बन्ध है उसमें तुम्हारा ध्यान इस बात पर नहीं होना…
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में…
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…