जो लोग पूरी तरह सांसारिक जीवन में फंसे रहते हैं और कठिनाई या विपत्ति के समय ही भगवान को याद करते है, क्या ऐसे लोगों की भगवान की ओर पूरी तरह मुड़ने की कोई संभावना है ?
भावी संभावना तो सभी के लिये है, नास्तिक के लिये भी, जो कभी भगवान के बारे में नहीं सोचता।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
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