श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

शिकायतों का महत्त्व

‘ख’ ने मुझसे कहा है कि आपके पास मेरे विरुद्ध यह शिकायत आयी है कि मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता हूं ।

 

मैं जानती हूं कि केवल दुर्बल ही शिकायत करते हैं । सबल लोग कभी शिकायत नहीं करते क्योंकि उन्हें ठेस नहीं लग सकती । इसलिए मैं शिकायतों को बहुत महत्व नहीं दिया करती ।

मेरे प्यारे बालक को प्रेम और आशीर्वाद ।

 

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

शेयर कीजिये

नए आलेख

अवलोकनों का प्रशिक्षण

तुम्हारा अवलोकन बहुत कच्चा है। ''अन्दर से'' आने वाले सुझावों और आवाजों के लिए कोई…

% दिन पहले

रूपान्तर होगा ही होगा

क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन…

% दिन पहले

अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…

% दिन पहले

भारत की ज़रूरत

भारत को, विशेष रूप से अभी इस क्षण, जिसकी ज़रूरत है वह है आक्रामक सदगुण,…

% दिन पहले

प्रेम और स्नेह की प्यास

प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…

% दिन पहले

एक ही शक्ति

माताजी और मैं दो रूपों में एक ही 'शक्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं - अतः…

% दिन पहले