शांत रहो और देखो। परिणाम निश्चित है – उपाय और समय निश्चित नहीं है ।
आशीर्वाद |
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…