ऐसे लोग हैं, जो विनम्र दिखने के लिए कभी-कभी कह देते हैं : “मैं कुछ नहीं जानता,” परंतु वे जो कहते हैं उस पर विश्वास नहीं करते !
संसार-भर में सभी जगह कपटी और ढोंगी लोग हैं। यह उनका दुर्भाग्य है। वे प्रगति का द्वार पूरी तरह बन्द कर देते हैं। बस ।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५३
तुम जिस चरित्र-दोष की बात कहते हो वह सर्वसामान्य है और मानव प्रकृति में प्रायः सर्वत्र…
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…