यह सोचना भूल है कि एक विचार अथवा संकल्प केवल तभी प्रभाव डाल सकता है जब वह वचन या कर्म में अभिव्यक्त किया जाता है : अव्यक्त विचार, अनभिव्यक्त संकल्प भी सक्रिय उर्जाएँ हैं और वे अपने निजी कम्पन, प्रभाव या प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर सकती है ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग-२)
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…