माँ, क्या अपने अन्दर रोगमुक्त करने की क्षमता विकसित करना सम्भव है?
सिद्धान्त रूप में, सचेतन रूप से दिव्य शक्ति के साथ एक होने से सब । कुछ सम्भव है। लेकिन उपाय खोजना होगा और यह व्यक्ति और स्थिति पर निर्भर करता है। पहली शर्त है, ऐसी भौतिक प्रकृति का होना जो औरों से ऊर्जा खींचने की जगह ऊर्जा देती है। दूसरी अनिवार्य शर्त है, यह जानना कि ऊपर से, अक्षय, निवैयक्तिक स्रोत से ऊर्जा को कैसे खींचा जाये।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
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