हमारे जीवनों के रूप का आकार गढ़ने वाली ये घटनाएं
अवचेतना के स्पन्दनों की एक शून्यमात्र हैं
जिन्हें हम कदाचित् ही अनुभव कर पाते या आश्चर्यचकित होते हैं,
ये एक दमित वास्तविकताओं की एक उपज हैं
जो बहुत कम हमारे संसारी दिवस में ऊपर उठ सामने आती हैं:
ये आत्मा के अन्तर सूर्य की गुप्त शक्तियों से उत्पन्न होती हैं
जो आपात्-काल में अन्तर में सुरंग खोद प्रकट हो जाती हैं।

संदर्भ : “सावित्री” 

शेयर कीजिये

नए आलेख

भगवान के दो रूप

... हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ…

% दिन पहले

भगवान की बातें

जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…

% दिन पहले

शांति के साथ

हमारा मार्ग बहुत लम्बा है और यह अनिवार्य है कि अपने-आपसे पग-पग पर यह पूछे…

% दिन पहले

यथार्थ साधन

भौतिक जगत में, हमें जो स्थान पाना है उसके अनुसार हमारे जीवन और कार्य के…

% दिन पहले

कौन योग्य, कौन अयोग्य

‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…

% दिन पहले

सच्चा आराम

सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…

% दिन पहले