हमारे जीवनों के रूप का आकार गढ़ने वाली ये घटनाएं
अवचेतना के स्पन्दनों की एक शून्यमात्र हैं
जिन्हें हम कदाचित् ही अनुभव कर पाते या आश्चर्यचकित होते हैं,
ये एक दमित वास्तविकताओं की एक उपज हैं
जो बहुत कम हमारे संसारी दिवस में ऊपर उठ सामने आती हैं:
ये आत्मा के अन्तर सूर्य की गुप्त शक्तियों से उत्पन्न होती हैं
जो आपात्-काल में अन्तर में सुरंग खोद प्रकट हो जाती हैं।
संदर्भ : “सावित्री”
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिसमें…
मनुष्य-जीवन के अधिकांश भाग की कृत्रिमता ही उसकी अनेक बुद्धमूल व्याधियों का कारण है, वह…
श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…