भागवत संकल्प को जानने के लिये यह जरुरी है कि मन शान्त हो। शान्त मन में ही – जो भगवान की और मुड़ा हो – भगवान का संकल्प अन्तर्भासित (उच्चतर मन से) होता है, और उसे करने का ठीक तरीका भी तभी आता है।
सन्दर्भ :श्रीअरविन्द के पत्र
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शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
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