श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

प्राण की अच्छी चीज़ें

मधुर माँ,

क्या हमारा प्राण केवल कामनाओं, स्वार्थपूर्ण भावनाओं आदि से ही बना है उसमें कुछ अच्छी चीज़ें भी हैं?

ऊर्जा, बल, उत्साह, कलात्मक रुचि, साहस, शक्तिमत्ता आदि भी उसमें हैं – अगर हम उनका ठीक तरह से उपयोग करना जानें।

परिवर्तित और भागवत इच्छा को समर्पित प्राण, सभी विघ्न-बाधाओं पर विजय पाने वाला साहसी और शक्तिशाली यंत्र बन जाता है। लेकिन पहले उसे अनुशासन में रखना होगा और इसके लिए वह सभी तैयार होता है जब भगवान उसके स्वामी हों।

आशीर्वाद।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

शेयर कीजिये

नए आलेख

आध्यात्मिक जीवन की तैयारी

"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…

% दिन पहले

उदार विचार

मैंने अभी कहा था कि हम अपने बारे में बड़े उदार विचार रखते हैं और…

% दिन पहले

शुद्धि मुक्ति की शर्त है

शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…

% दिन पहले

श्रीअरविंद का प्रकाश

मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…

% दिन पहले

भक्तिमार्ग का प्रथम पग

...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…

% दिन पहले

क्या होगा

एक परम चेतना है जो अभिव्यक्ति पर शासन करती हैं। निश्चय ही उसकी बुद्धि हमारी…

% दिन पहले