यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में तुम्हें उसकी जरूरत नहीं होती और तुम उसके योग्य भी नहीं होते। तुम्हें ऊर्जा केवल तभी मिलती है जब तुम उसका उपयोग करते हो ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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