एक ऐसी सच्चाई जो समझौता नहीं करतीं, आध्यात्मिक उपलपब्धि का सबसे निश्चित मार्ग है ।
ढोंग न करो, हो जाओ ।
वचन मत दो, क्रिया करो ।
स्वप्न न देखो, चरितार्थ करो ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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