निराशावाद शैतान का अस्त्र है और वह अपनी स्थिति को भांप लेता है … (हिलाने का संकेत) । हां, तो मैं जिस सम्भावना को देख रही हूं, अगर वह सिद्ध हो जाये तो यह वास्तव में विरोधी शक्तियों पर एक निर्णायक विजय होगी – स्वभावत:, वह (निराशावाद-शैतान) भरसक अपना बचाव करता है … । वह हमेशा शैतान होता है ; जैसे ही तुम निराशावाद की पुंछ देखो, , समझ लो कि शैतान है। यह उसका महान अस्त्र है ।
संदर्भ : पथ पर
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…