लोग अपनी नियति के बारे में रोते-धोते रहते हैं और अनुभव करते हैं कि अगर…
बिलकुल स्वाभाविक रूप से हम अपने-आपसे पूछते हैं कि वह कौनसा रहस्य है जहां पीड़ा…
हम सब के अन्दर समरूप से जो भागवत उपस्थिती है वह कोई अन्य प्राथमिक मांग…
... हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ…
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
हमारा मार्ग बहुत लम्बा है और यह अनिवार्य है कि अपने-आपसे पग-पग पर यह पूछे…
भौतिक जगत में, हमें जो स्थान पाना है उसके अनुसार हमारे जीवन और कार्य के…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…