तुम्हें मजबूत बनना है

लता जौहर का एक भाई नरेंद्र किसी काम से मद्रास गया था। वहाँ पहुँचकर अचानक ही वह बहुत बीमार हो गया। उनके पिता श्री सुरेन्द्रनाथ जौहर ने अपने पुराने ड्राईवर को कार देकर पांडिचेरी भेजा । उन्होने श्रीमाँ से प्रार्थना कि वे उनकी किसी बेटी को मद्रास भेज दे जिससे वह गंभीर रूप से बीमार नरेंद्र की परिचर्या में उनकी सहायता कर सके।

श्रीमाँ ने लता से मद्रास जाने के लिए कहा। यद्यपि लता बाहर से उग्र स्वभाव की थी किन्तु उनका हृदय बहुत कोमल था। वह दूसरों की पीड़ा सहन नहीं कर सकती थी। अतः उसे लगा की इतनी गंभीर स्थिति में वह अधिक कुछ नहीं कर सकेगी। उसकी बहन तारा अधिक साहसी और सक्रिय है। लता ने श्रीमाँ से कहा, “माँ, मैं इस स्थिति में क्या कर सकती हूँ? मैं तो भाई को देखकर रोने लगूँगी और अधिक कुछ नहीं कर सकूँगी। आप मेरी बहन को भेज दीजिये।” किन्तु श्रीमाँ ने उत्तर दिया, “तुम्हें मजबूत बनना है। तुम्हें जाना चाहिये।”

जब लता मद्रास पहुंची तो उसने देखा कि भाई की दशा बहुत खराब थी। उसकी नाक में नलियाँ लगी थी, आँखों में  रीतापन था और लगता था कि उसने लता को पहचाना ही नहीं। फिर भी लता शांत रही और उसने जो कुछ करना संभव था वह किया। रात्रि में उसके क्लांत पिता कुछ देर के लिए विश्राम करने चले गए। लता अकेली भाई के पास थी कि उसने रक्त की उल्टी कर दी। लता ने तुरंत अपने पिता को सूचना दी। यह सुनकर सुरेन्द्रनाथ जी ने कहा “अगर रक्त की उल्टी हुई है तो सब शेष हो गया है।” और वस्तुतः नरेंद्र की आत्मा शरीर छोड़कर चली गई थी। तरुणी लता ने खून साफ करने में पिता की सहायता की। यह उसका मृत्यु से प्रथम परिचय था। और इस प्रकार श्रीमाँ ने उसके कोमल हृदय को फौलादी बनाया ।

(यह कथा मुझे सुश्री लता ने सुनाई थी )

संदर्भ : श्रीअरविंद और श्रीमाँ की दिव्य लीला 

शेयर कीजिये

नए आलेख

भगवती माँ की कृपा

तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…

% दिन पहले

श्रीमाँ का कार्य

भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…

% दिन पहले

भगवान की आशा

मधुर माँ, स्त्रष्टा ने इस जगत और मानवजाति की रचना क्यों की है? क्या वह…

% दिन पहले

जीवन का उद्देश्य

अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…

% दिन पहले

दुश्मन को खदेड़ना

दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…

% दिन पहले

आलोचना की आदत

आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…

% दिन पहले