मधुर माँ ,
हमें डर क्यों लगता है, डर कहाँ से आता है ?
उ.) भय विरोधी शक्तियों की खोज है जिसे उन्होने जीवित प्राणियों, मनुष्यों और पशुओं पर अधिकार जमाने के सबसे अच्छे साधन के रूप में बनाया है ।
जो शुद्ध है, अर्थात ऐकांतिक रूप से भगवत प्रभाव में है – उनमें डर नहीं होता ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी खण्ड-१६
यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…
.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…