श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

एक ही चीज़ का महत्व

किसी भी बाहर की चीज़ को अपने नजदीक आने और अपने – आपको क्षुब्ध न करने दो। लोग जो सोचते, करते या कहते हैं उसका बहुत कम महत्व होता है। एक ही चीज़ है जिसका महत्व है, और वह है, भगवान के साथ तुम्हारा संबंध।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

शेयर कीजिये

नए आलेख

बाहरी विनम्रता

एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त…

% दिन पहले

नमन

मेरे मौन और विनम्र पूजा-भाव के साथ प्रणाम ... । मैं तेरी महिमा के आगे…

% दिन पहले

चेतना का परिवर्तन

चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई…

% दिन पहले

देश के विषय में राय

नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों…

% दिन पहले

सांसारिक जीवन

सांसारिक जीवन संघर्ष का जीवन है - इस पर उचित तरीके से चलने के लिए…

% दिन पहले

स्थायी शांति

जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस…

% दिन पहले