एक प्रार्थना, एक श्रेष्ठ कर्म, एक उत्कृष्ट उद्भावना
कर सकती है युक्त मानव-बल को, एक परात्पर शक्ति से ।
संदर्भ : “सावित्री”
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…