एक अति महत्वपूर्ण बात


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

इसपर विचार मत करो कि लोग तुमसे सहमत हैं या असहमत अथवा तुम अच्छे हो या बुरे, वरन यह विचार करो कि “माताजी मुझसे प्रेम करती हैं और मैं माताजी का हूं।” यदि तुम इस विचार को अपने जीवन का आधार बनाओ तो सब कुछ शीघ्र ही आसान हो जायेगा।

सन्दर्भ : माताजी के विषय में 


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