सभी सिद्धान्त, सभी शिक्षाएं अन्तिम विश्लेषण में बोलने या लिखने के तरीकों से बढ़कर और कुछ नहीं होती । यहा तक की ऊंचे-से-ऊंचे अंतर्दर्शन भी उनके साथ आने वाली उपलब्धि की शक्ति से बढ़कर और कुछ नहीं होते ।
उच्चतम सत्य को प्राप्त करने के उपाय या पद्धति के बारे में लिखी या पढ़ी गयी सैकड़ों पुस्तकों से बढ़कर है उच्चतम सत्य को जीना – भले वह मिनट भर के लिये क्यों न हो ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -२)
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में…
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…