हे दिव्य और पूजनीय मां, ‘तेरी’ सहायता के साथ कौन-सी चीज असम्भव है? उपलब्धि का मुहूर्त निकट है और ‘तूने’ हमें अपनी सहायता का आश्वासन दिया है ताकि हम पूर्ण रूप से परम ‘इच्छा’ को पूरा कर सकें। तूने हमें अचिन्त्य वास्तविकताओं और भौतिक जगत् की सापेक्षताओं के बीच उपयुक्त माध्यम के रूप में स्वीकार कर लिया है, और हमारे बीच ‘तेरी’ सतत उपस्थिति ‘तेरे’ सक्रिय सहयोग का चिह्न है।
प्रभु ने इच्छा की है और ‘तू’ कार्यान्वित कर रही है : पृथ्वी पर एक नये प्रकाश का उदय होगा। एक नया जगत् जन्म लेगा, और जिन चीजों के लिए वचन दिया गया था वे पूरी की जायेंगी।
संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…