श्रीमाँ तथा श्रीअरविंद की सहायता हमेशा तुम्हारें लिए प्रस्तुत है । तुम्हें पूरी तरह से उसके प्रति मुड़ना-भर है और वह तुम्हारे ऊपर क्रिया करेगी ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…