श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए सही मनोवृत्ति

मधुर मां,

अपने जीवन में मुझे जब कभी कठिनाई का सामना करना पड़ा है, हर बार जब कभी मुझे किसी सुख-आभासी सुख-से वञ्चित होना पड़ा है तो मेरे मनोवैज्ञानिक कष्ट को दूर करने के लिए हमेशा तुरन्त ही कोई सान्त्वना आयी है। कोई चीज मुझसे कहती है, “यह सब स्वयं तुम्हारे भले के लिए और भागवत कृपा द्वारा किया गया है।” क्या यह अच्छा है, क्या इस तरह सोचना अच्छा और लाभप्रद है?

 

न सिर्फ यह कि यह सोचना ठीक, अच्छा और लाभप्रद है, बल्कि अगर तुम आध्यात्मिक मार्ग पर चलना चाहो तो यह मनोवृत्ति बिलकुल अनिवार्य
है। वस्तुतः, यह पहला कदम है, जिसके बिना तुम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकते। इसीलिए मैं हमेशा कहती हूं, “तुम जो कुछ करो, अपना अच्छे-से-अच्छा करो, और परिणाम परम प्रभु के हाथ में छोड़ दो; तब तुम्हारा हृदय शान्त रहेगा।”

 

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

 

 

शेयर कीजिये

नए आलेख

प्रार्थना

(जो लोग भगवान की  सेवा  करना चाहते हैं  उनके लिये एक प्रार्थना ) तेरी जय…

% दिन पहले

आत्मा के प्रवेश द्वार

यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…

% दिन पहले

शारीरिक अव्यवस्था का सामना

जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…

% दिन पहले

दो तरह के वातावरण

आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…

% दिन पहले

जब मनुष्य अपने-आपको जान लेगा

.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…

% दिन पहले

दृढ़ और निरन्तर संकल्प पर्याप्त है

अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…

% दिन पहले