एक प्राचीन मनीषी ने कहा है :
” अशुभ नाम की कोई चीज़ नहीं है । बस, संतुलन की कमी है । ”
“कोई चीज़ बुरी नहीं है । सिर्फ चीज़ें अपने स्थान पर नहीं है । ”
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर (१९५०-१९५१)
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…