अपने अन्दर माताजी के साथ रहना, उनकी चेतना के साथ संपर्क में रहना और दूसरों से केवल अपनी बाहरी स्थूल सत्ता के द्वारा ही मिलना तुम्हें सीखना होगा।
संदर्भ : माताजी के विषय में
अपने अन्दर माताजी के साथ रहना, उनकी चेतना के साथ संपर्क में रहना और दूसरों से केवल अपनी बाहरी स्थूल सत्ता के द्वारा ही मिलना तुम्हें सीखना होगा।
संदर्भ : माताजी के विषय में
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