मधुर माँ,
आप अपने वार्तालाप में कहती हैं की हमें सच्ची आध्यात्मिक अनुभूति पाने के लिए डुबकी लगानी चाहिये । क्या उसे केवल अभीप्सा द्वारा पाना संभव है या कोई और विधि या अनुशासन भी अपनाना ज़रूरी है ?
सब कुछ संभव है। यदि सातत्य और निष्कपट सच्चाई के साथ अनुसरण किया जाये तो सभी मार्ग लक्ष्य तक ले जाते हैं।
हर एक के लिए यही अच्छा है कि वह अपना मार्ग खोजे, लेकिन इसके लिए अभीप्सा उत्साहपुर्ण, संकल्प निष्कंप और धैर्य अचूक होना चाहियें।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…
.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…