आध्यात्मिक सत्य के स्वप्न


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ

जब किसी साधक को आध्यात्मिक सत्य के स्वप्न आते है तो क्या इसका यह अर्थ नहीं होता कि उसकी प्रकृति का रूपांतर हो रहा है ?

जरूरी नहीं है। इससे यह मालूम होता है कि वह साधारण लोगों से ज़्यादा सचेतन है, परंतु स्वप्न प्रकृति को नहीं बदल सकते ।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५

 


0 Comments