जब तुम लोगों के बीच में हो तो 'परम प्रभु ' को अपने और लोगों के बीच में रखो। इस…
कृतज्ञता : तुम ही सब बंद द्वारों को खोलती हो और उस कृपा को जो रक्षा करती हैं, गहराई में…
तुम भली-भांति समझते हो, है न, कि "संरक्षण के अन्दर" होने का क्या मतलब है? “संरक्षण के बाहर चले जाने"…
एक मृत घूमते ब्रह्माण्ड में जीवित हम यहां ऐसे ही एक आकस्मिक भूमण्डल पर नहीं आये हैं जैसे अपनी शक्ति…
जीवनयात्रा में समस्त भय, संकट और विपदा का सामना करने के लिए कवच के रूप में तुम्हारे पास केवल दो…
कोई आसक्ति न हो, कोई कामना न हो, कोई आवेग न हो, कोई पसंद न हो; पूर्ण समता हो, अचल…
कृपा और सुरक्षा सदा तुम्हारें साथ हैं। जब तुम किसी आंतरिक या बाह्य कठिनाई या तकलीफ में हो तो उसे…