मधुर माँ, हम प्रायः कोई नयी चीज़ करने से डरते हैं, शरीर नये तरीके से क्रिया करने से इंकार करता…
मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया-कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें । इसका…
प्यारी माताजी, मुझे सर्दी हो गयी है, क्या मैं रोज़ की तरह स्नान करूँ ? जो तुम्हें पसंद हो करो,…
हर बार जब तुम बेचैन होओ तो तुम्हें दोहराना चाहिये - बाह्य ध्वनि के बिना अपने भीतर बोलते हुए और…
जब हम अपनी चेतना से समस्त पराजयवाद को निकाल फेकेंगे तब हम सिद्धि की दिशा में एक बहुत बड़ी छलांग…
मधुर माँ, हम दूसरे की आवश्यकता को कैसे जान सकते और उसकी सहायता कैसे कर सकते हैं ? मैं बाहरी…
मेरी नन्ही 'शाश्वत मुस्कान', मुस्कराती जाओ और विशेष रूप से जब कठिनाइयाँ आयें तो और भी अधिक मुस्कुराओ। मुस्कानें सूर्य…
मेरे नाम से तुम्हें जो कुछ सुनाया जाता है उसके बारे में सावधान रहा करो। वह बात जिस भाव से…