एक बार बीरेन के एक मित्र आश्रम आए। वे बीरेन के लिए बर्मा टीक की एक आराम कुर्सी बनवा कर…
दीर्घ प्रतीक्षा के बाद आखिरकार वह क्षण आ ही गया जब चमनलाल की अभीप्सा पूरी हुई और वे प्रथम बार…
आश्रम के एक साधक विश्वजीत ताल्लुकदार को साधु-संतों से मिलने का बहुत शौक था। अतः वे प्रतिवर्ष भारत भ्रमण करके…
श्रीअरविंद के एक शिष्य बापालाल एक भूतहे घर में रहते थे। उस घर में रहने वाला शैतान भूत अक्सर घर…
एक बार एक महिला श्रीमाँ के दर्शन करके उनके कक्ष से बाहर आयीं। वे भागवत प्रेम से अभिभूत थी। हृदय…
जब भक्त लोग श्रीमाँ के दर्शन को जाते थे तो उनके दिव्य रूप और माधुरी के प्रभाव से सुध-बुध खो…
युग बदलते हैं और परिस्थितियों में परिवर्तन के साथ नए आदर्शों और नए मंत्रों की आवश्यकता होती है। प्रभु पुनः…
प्रातः पुष्प वितरण के समय श्रीमाँ को लगभग दो घंटे एक ही स्थान पर खड़े रहना पड़ता था। एक दिन…
मोनिका चंदा अपने दोनों नेत्रों की दृष्टि खो बैठी थी। फिर भी यह वृद्ध भक्त-साधक महिला अपने वैभवमय जीवन को…
लता जौहर का एक भाई नरेंद्र किसी काम से मद्रास गया था। वहाँ पहुँचकर अचानक ही वह बहुत बीमार हो…