
प्रार्थना
हे प्रभो, प्रेम के मधुर स्वामी, तू हमें अन्धकार में से बाहर निकालता है ताकि हम चेतना की ओर जागें, हमें दुःख-दर्द से मुक्त करता...
हे प्रभो, प्रेम के मधुर स्वामी, तू हमें अन्धकार में से बाहर निकालता है ताकि हम चेतना की ओर जागें, हमें दुःख-दर्द से मुक्त करता...
शांत रहो और शांति के साथ विश्वासपूर्वक अपना उत्सर्ग कर दो। जो कुछ होता है वह हमेशा परम प्रभु की इच्छा का प्रभाव होता है...
इन छोटी-छोटी बातों से क्यों उत्तेजित हो जाते हो? या उनसे अपने को क्यों विचलित होने देते हो? यदि तुम अचंचल रहो तो वस्तुस्थिति अधिक...
जो होना चाहिये वह होगा, जो करना ज़रूरी है वह किया जायेगा…। हे प्रभो, तूने मेरी सत्ता में कैसा निश्चल आश्वासन रख दिया है। कौन-से...
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये, तुम्हें उसका सामना साहस, शान्ति, भरोसे और इस निश्चिति के...
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये, तुम्हें उसका सामना साहस, शान्ति, भरोसे और इस निश्चिति के...