
बातचीत के दौरान ध्यान रखने वाली बातें
… इन परिवेशों में और इस तरह की बातचीत के दौरान जो चैत्य आत्म-संयम वाञ्छनीय है उसमें दूसरी चीज़ों के साथ-साथ निम्नलिखित बातों का भी...
… इन परिवेशों में और इस तरह की बातचीत के दौरान जो चैत्य आत्म-संयम वाञ्छनीय है उसमें दूसरी चीज़ों के साथ-साथ निम्नलिखित बातों का भी...
आध्यात्मिक प्रगति बाह्य परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, जैसी कि हम आन्तरिक रूप से परिस्थितियों के बारे में प्रतिक्रिया करते हैं यह सदा ही आध्यात्मिक...
अप्रिय विचार अप्रिय भावनाएं लाते हैं–अप्रिय भावनाएं तुम्हें भगवान् से दूर ले जाती हैं और तुम्हें उस शैतान के हाथों में निःशस्त्र फेंक देती हैं...
हमारी प्रकृति न केवल संकल्प और ज्ञान के क्षेत्र में प्रान्त है बल्कि शक्ति के क्षेत्र में भी दुर्बल है। किन्तु भागवत शक्ति यहां मौजूद ...
तुम्हारी मानव-दृष्टि चीजों को एक सीधी लकीर में देखती है । तुम्हारे लिए या तो यह तरीका है या वह । मेरे लिए ऐसा नहीं...
सारी मुश्किल इस बात से आती है कि तुम किसी के साथ तब तक सामञ्जस्य नहीं कर सकते जब तक कि वह तुम्हारे अपने विचारों...
..मेरे और तुम्हारे बीच एक विशेष सम्बन्ध है, उन सबके साथ जो मेरी और श्रीअरविन्द की शिक्षा की ओर मुंडे हुए हैं, – और, यह...
मेरे आशीर्वाद बहुत भयंकर हैं । वे इसके लिए या उसके लिए, इस व्यक्ति या उस वस्तु के विरुद्ध नहीं होते । वे… या, अच्छा, मैं...
शायद तुम्हें बताया गया होगा कि शरीर की कुछ विशेष व्याधियों से तुम्हें बहुत दर्द होगा । इस तरह की चीजें प्रायः कही जाती हैं...
यह एक तथ्य है कि जब कोई मार्ग पर समय नष्ट न करने का भरसक प्रयत्न करता है तो जो भी समय नष्ट होता है...