मेरी निम्न प्रकृति वही मूर्खतापूर्ण चीज़ें करती चली जा रही है । केवल आप ही उसे बदल सकती है। 'आपकी…
अपने कर्म को पूरा करने के लिये हमारे सामने जो प्रतिरोध खड़े होते हैं वे कर्म के महत्व के अनुपात…
'सत्य' मिथ्यात्व से बढ़ कर बलवान है । एक अमर 'शक्ति' जगत पर शासन करती है । उसके निश्चय हमेशा…
सभी तथाकथित मानव बुद्धिमत्ता की जटिलताओं के परे 'भागवत कृपा' की आलोकमयी सरलता कार्य करने के लिए प्रस्तुत है, यदि…
भगवान के प्रति पूर्ण आत्म-दान के लिए तीन विशेष विधियाँ : (१) सारे गर्व को त्याग कर पूर्ण नम्रता के…
भगवान के शब्द सहारा देते और आशीर्वाद देते हैं, सहलाते और प्रकाश देते हैं, और भगवान के उदार हस्त अनंत…
काम-वासनाएँ अच्छा खाने से नहीं आती, बल्कि गलत तरीके से सोचने और उसी पर केन्द्रित होने से आती है । तुम…
तुम बहुत बुद्धिमान होते जा रहे हो और इस उपलब्धि के नजदीक आते जा रहे हो कि हम कुछ नहीं…
अपमान, तिरस्कार से ऊपर उठ जाने से आदमी सचमुच बड़ा हो जाता है । संदर्भ : माताजी के वचन(भाग-२)
वास्तव में भगवान वही हैं जिनकी गहराई में तुम अभीप्सा करते हो । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)