श्रीअरविंद के योग के साधक को भूतकाल और वर्तमान में पूजे जाने वाले भगवान के विभिन्न रूपों के पुजारियों के…
भगवान् क्या है? तुम श्रीअरविन्द के अन्दर जिनकी आराधना करते हो वे हीं भगवान् हैं । संदर्भ : माताजी के…
१. बुद्ध और शंकर के मत: जगत् एक भ्रम है, वह अज्ञान के कारण, अज्ञान और दुःख का क्षेत्र है।…
... जिस क्षण तुम यह कल्पना करते और किसी-न-किसी तरह अनुभव करते हो, या , प्रारम्भ में, इतना मान भी…
सर्वशक्तिमान होने के नाते भगवान धरती पर उतरने का झंझट किये बिना ही लोगों को ऊपर उठा सकते हैं। अवतारवाद…
भगवान के तरीके मानव-मन के तरीकों जैसे नहीं है या हमारे आदर्शों के अनुरूप नहीं होते और उनके विषय में…
भगवान् भले ही तुम्हारी ओर झुक आयें परन्तु 'उन्हें ' ठीक तरह समझने के लिए तुम्हें 'उन' तक उठना होगा ।…
किसी भी बाहर की चीज़ को अपने नजदीक आने और अपने - आपको क्षुब्ध न करने दो। लोग जो सोचते,…