भगवान के विषय में

भगवान् क्या है

 भगवान् क्या है? तुम श्रीअरविन्द के अन्दर जिनकी आराधना करते हो वे हीं भगवान् हैं । संदर्भ : माताजी के…

% दिन पहले

जगत् के बारे में तीन धारणाएँ

१. बुद्ध और शंकर के मत: जगत् एक भ्रम है, वह अज्ञान के कारण, अज्ञान और दुःख का क्षेत्र है।…

% दिन पहले

उपलब्धि का दरवाजा

... जिस क्षण तुम यह कल्पना करते और किसी-न-किसी तरह अनुभव करते हो, या , प्रारम्भ में, इतना मान भी…

% दिन पहले

अवतारवाद का अर्थ

सर्वशक्तिमान होने के नाते भगवान धरती पर उतरने का झंझट किये बिना ही लोगों को ऊपर उठा सकते हैं। अवतारवाद…

% दिन पहले

भगवान के तरीके

भगवान के तरीके मानव-मन के तरीकों जैसे नहीं है या हमारे आदर्शों के अनुरूप नहीं होते और उनके विषय में…

% दिन पहले

भगवान की ओर

भगवान् भले ही तुम्हारी ओर झुक आयें परन्तु 'उन्हें ' ठीक तरह समझने के लिए तुम्हें 'उन' तक उठना होगा ।…

% दिन पहले

पुजारियों के प्रति वृत्ति

श्रीअरविंद के योग के साधक को भूतकाल और वर्तमान में पूजे जाने वाले भगवान के विभिन्न रूपों के पुजारियों के…

% दिन पहले

एक ही चीज़ का महत्व

किसी भी बाहर की चीज़ को अपने नजदीक आने और अपने - आपको क्षुब्ध न करने दो। लोग जो सोचते,…

% दिन पहले