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प्रेम

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अनिवार्य गुण
280

अनिवार्य गुण

by श्री माँ 4 महीना ago4 महीना ago
प्रेम और स्नेह की प्यास
790

प्रेम और स्नेह की प्यास

by श्री माँ 5 महीना ago5 महीना ago
  • 360
    श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ
    श्री माँ के वचन

    कौन योग्य और कौन अयोग्य ?

    ​’भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य ?   सभी तो उसी एक दिव्य ‘मां’ के बालक हैं । ‘उनका’ प्रेम उन...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    साहस और प्रेम

    साहस और प्रेम ही अनिवार्य गुण हैं; और यह सब गुण यदि धुँधले या निस्टेज पड़ जायें फिर भी ये दोनों आत्मा को जीवित रखेंगे।...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
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    श्री माँ के वचन

    प्रार्थना

    हे समस्त वरदानों के परम वितरक, तुझे, जो इस जीवन को शुद्ध, सुन्दर और शुभ बना कर उसे औचित्य प्रदान करता है, तुझे, हे हमारी नियति...

    श्री माँ
    by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 530
    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    ईर्ष्या और प्रमाद

    मधुर मां, हम ईर्ष्या और प्रमाद से कैसे पिण्ड छुड़ा सकते या उन्हें ठीक कर सकते हैं ? स्वार्थ तुम्हें ईर्ष्यालु बनाता है और दुर्बलता...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    लक्ष्य

    “मनुष्य जो कुछ पहले कर चुका है उसे ही हमेशा दुहराते जाना हमारा काम नहीं है, बल्कि हमें नवीन सिद्धियों और अकल्पित विजयों को प्राप्त...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्रीअरविंद के वचन

    श्रीमाँ के बालक

    तुम माँ के बच्चे हो और माँ का अपने बच्चों के प्रति प्रेम असीम होता है, और वे उनके स्वभाव के दोषों को बड़े धीरज...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    कौन योग्य, कौन अयोग्य

    ‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य ‘मां’ के बालक हैं। ‘उनका’ प्रेम उन सब पर समान...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीमाँ का दर्शन
    श्री माँ के वचन

    रूपान्तर का क्षण

    रूपांतर के लिए भगवान को निरंतर याद रखना अनिवार्य है । और जब परम प्रेम की अभिव्यक्ति का दिन आयेगा, परम प्रेम के पारदर्शक, सघन...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    विवाह-प्रथा का अंत

    . . . निश्चय ही शादी-ब्याह का सारा विचार ही हास्यपद है क्योंकि मैं इस चीज़ को बचकाना समझती हूँ। जानते हो, ओरोवील में शादियाँ...

    श्री माँ
    by श्री माँ 3 वर्ष ago3 वर्ष ago
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    श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    श्री माँ के वचन

    सच्चा प्रेम

    भगवान के लिये सच्चा प्रेम है, बिना कुछ माँगे अपने-आपको दे देना। वह प्रेम समर्पण और उत्सर्ग से भरा होता है, वह कोई अधिकार नहीं...

    श्री माँ
    by श्री माँ 4 वर्ष ago4 वर्ष ago

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    भगवती माँ की कृपा

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    श्रीमाँ का कार्य

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    जीवन का उद्देश्य

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    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

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    कृतज्ञता

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    अनुशासन

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    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

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    मानसिक रूपायण

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    नयी चीज़ का डर

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    युवकों को आह्वान

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    प्रत्येक का अपना तरीका

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