तेरी विजय निश्चित है
प्रभो, मेरे विचार की निद्रालुता को तू झाड़ फेंकेगा ताकि मैं ज्ञान पा सकू और उस अनुभव को समझ सकूँ जो तूने मेरी सत्ता को...
प्रभो, मेरे विचार की निद्रालुता को तू झाड़ फेंकेगा ताकि मैं ज्ञान पा सकू और उस अनुभव को समझ सकूँ जो तूने मेरी सत्ता को...
हे प्रभो, तेरे प्रकाश की पूर्णता के लिए हम तेरा आवाहन करते हैं। हमारे अन्दर वह शक्ति जगा जो तुझे प्रकट करे। सत्ता में सब...
क्या बाहरी जीवन, प्रतिदिन और प्रतिक्षण की क्रियाशीलता हमारे ध्यान और निदिध्यासन के घण्टों का अनिवार्य पूरक नहीं है? और क्या हर एक को दिये...
हृदय में शांति और मन में प्रकाश से भरपूर, हे प्रभु, हम तुझे अपने अंदर ऐसा सजीव महसूस करते हैं कि हम सब घटनाओं के...
(श्रीमाँ श्रीअरविंद से २९ मार्च १९१४ को पहली बार मिली थीं और यह प्रार्थना उन्होने १ अप्रैल १९१४ को लिखी थी। ) मुझे लगता है...
जो होना चाहिये वह होगा, जो करना ज़रूरी है वह किया जायेगा…। हे प्रभो, तूने मेरी सत्ता में कैसा निश्चल आश्वासन रख दिया है। कौन-से...
मेरी अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है, अपने रूप में सदा वैसी ही बचकानी, अपनी सरलता में अतिसामान्य, लेकिन मेरी पुकार अधिकाधिक तीव्र है और...
तुझे प्रणाम है हे भगवान् ! हे संसार के स्वामी ! हमें ऐसी शांति दे कि हम कर्म में आसक्त हुए बिना उसे पूरा कर...
मुझे लगता है कि हम तेरे मंदिर के गर्भगृह के हृदय में जा पहुंचे हैं और तेरी ही इच्छा के बारे में अभिज्ञ हो गये...
सूर्य की तरह तेरी ज्योति पृथ्वी पर उतर रही है और तेरी किरणें विश्व को आलोकित कर देंगी। जो सब आधार केंद्रीय अग्नि के तेज...