प्रार्थना और ध्यान

तेरे ज्ञान की अभीप्सा

हे प्रभु ! किस तीव्रता के साथ मेरी यह अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है। तू अपने विधानका हमें पूरा…

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केवल ‘तू’

सूर्य की तरह तेरी ज्योति पृथ्वी पर उतर रही है और तेरी किरणें विश्व को आलोकित कर देंगी। जो सब…

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प्रार्थना

अत्यंत प्रचंड आंधी-तूफानमें भी दो चीजें अडोल बनी रहती हैं : यह संकल्प कि सब लोग वास्तविक प्रसन्नता- तेरी प्रसन्नता…

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सत्य सेवा

हे प्रभु ! आज प्रातःकाल जैसे ही मैंने इस प्रारंभ होने वाले मास की ओर दृष्टि डाली और अपने-आपसे पूछा…

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हर क्षण नवीन

हर क्षण सभी अनपेक्षित, अप्रत्याशित और अज्ञात हमारे सामने होता है, हर क्षण विश्व अपने प्रत्येक भाग में और अपनी…

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आश्वासन

हे दिव्य और पूजनीय मां, 'तेरी' सहायता के साथ कौन-सी चीज असम्भव है? उपलब्धि का मुहूर्त निकट है और 'तूने'…

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तेरी प्रतीक्षा

हे प्रभो, इस सत्ता में कोई चीज तुझसे कहती है : "मैं कुछ नहीं जानती, "मैं कुछ नहीं हूं, "मैं…

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प्रार्थना

. . . फिर भी कितने धीरज की जरूरत है ! प्रगति की अवस्थाएँ कितनी अदृश्य-सी हैं ! ... ओह…

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