प्रश्न और उत्तर १९५५

भगवान की क्रिया

भगवान तथा संसार में भगवान की क्रिया, दोनों हमेशा अशुभ की अति पर एक सीमा का काम करते हैं, और…

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सत्य वृत्ति

सत्य वृत्ति है विश्वास की वृत्ति, आज्ञाकारिता की वृत्ति, निवेदन की वृत्ति । संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५

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बदलाव

जब तुम भौतिक जीवन की कोई चीज़ बदलना चाहो, चाहे वह चरित्र हो या अंगो की संचालन-क्रिया हो या आदतें,…

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आध्यात्मिक सत्य के स्वप्न

जब किसी साधक को आध्यात्मिक सत्य के स्वप्न आते है तो क्या इसका यह अर्थ नहीं होता कि उसकी प्रकृति…

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भौतिक जीवन में बदलाव

जब तुम भौतिक जीवन की कोई चीज़ बदलना चाहो, चाहे वह चरित्र हो या अंगों की संचालन-क्रिया हो या आदतें,…

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उपलब्धि का दरवाजा

... जिस क्षण तुम यह कल्पना करते और किसी-न-किसी तरह अनुभव करते हो, या , प्रारम्भ में, इतना मान भी…

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‘समय’ मित्र कैसे होता है ?

जब तुम अधीर हो उठो और अपने-आपसे कहो : "आह, मुझे यह करने में सफल होना चाहिये। लेकिन मैं यह…

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भारत की भूमिका

वर्तमान राजनीति में भारत को क्या कोई विशेष भूमिका निभानी है ? . . . भारत को जगत में एक…

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पथ पर डटे रहो

तुम सभी, मेरे बच्चो, मैं तुमसे यह कह सकती हूँ, मैंने यह कई बार दोहराया है और एक बार फिर…

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भारत की भूमिका

वर्तमान राजनीति में भारत को क्या कोई विशेष भूमिका निभानी है ? ... भारत को जगत में एक भूमिका निभानी…

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