
आत्महत्या
यह निश्चित रूप से जानो कि मनुष्य जो कर सकता है उसमें आत्महत्या सबसे अधिक मूर्खतापूर्ण क्रिया है, क्योंकि शरीर के अन्त का अर्थ चेतना...
यह निश्चित रूप से जानो कि मनुष्य जो कर सकता है उसमें आत्महत्या सबसे अधिक मूर्खतापूर्ण क्रिया है, क्योंकि शरीर के अन्त का अर्थ चेतना...
अपनी मान्यता को साथ रखो यदि तुमको यह लगता हो कि वह तुम्हारें जीवन के निर्माण में सहायक है ; पर समझ लो कि यह...
नियंत्रण के बिना कोई समुचित काम संभव नहीं है । नियंत्रण के बिना समुचित जीवन संभव नहीं है । और सबसे बढ़कर, नियंत्रण के बिना...
सारा जीवन ही धर्मक्षेत्र है, संसार भी धर्म है। केवल आध्यात्मिक ज्ञानलोचना और शक्ति की भावना धर्म नहीं, कर्म भी धर्म है। यही महती शिक्षा...
“मनुष्य जो कुछ पहले कर चुका है उसे ही हमेशा दुहराते जाना हमारा काम नहीं है, बल्कि हमें नवीन सिद्धियों और अकल्पित विजयों को प्राप्त...
भौतिक जगत में, हमें जो स्थान पाना है उसके अनुसार हमारे जीवन और कार्य के लिए जो कुछ अनिवार्य हो वह हमें मिल जाता है।...
एक आश्रमवासी काम से बहुत कतराता था, माताजी ने उसके नाम एक पत्र भेजा । परिश्रम के बिना जीवन नहीं होता । अगर तुम परिश्रम...
कोई क्या कर रहा है या नहीं कर रहा इसके बारे में गप्पबाज़ी करना ग़लत है। ऐसी गप्प को सुनना ग़लत है। यह देखना कि...
एक समर्थ महाप्राण अपनी आन्तरिक शक्तियों के साथ हमारी इस बौनी लघुता को सहारा देता है जिसे हम जीवन कह कर पुकारते हैं; यह हमारे...