साहसी बनो और अपने बारे में इतना अधिक न सोचो। तुम दु:खी और असंतुष्ट इसलिए रहते हो क्योंकि तुम अपने…
हमारी मानव चेतना में ऐसी खिड़कियाँ हैं जो शाश्वत में खुलती हैं । लेकिन मनुष्य साधारणत: इन खिड़कीयों को सावधानी…
मधुर माँ , एक लम्बे अरसे से मैं देख रहा हूँ कि मैं कुछ लजीला-सा हूं । मेरे अन्दर हीन-भावना…
हमें यादों से इतना स्नेह होता है क्योंकि वे सार्वभौमिक हैं। उनके अन्दर 'अनन्तता' के रस का कुछ अंश होता…
यह जगत जिस संघर्ष की रंगभूमि है गीता उसके दो पहलुओं पर जोर देती है, एक है आन्तरिक संघर्ष, दूसरा…
अहंकार के खेल के बिना कोई संघर्ष न होंगे और अगर प्राण में नाटक करने की वृत्ति न हो तो…
(अधिकतर साधक) अहंकारी होते हैं और वे अपने अहंभाव को अनुभव या स्वीकार नहीं करते। उनकी साधना में भी 'मैं'…
अपने अहंकार को निकाल फेंकना, उसे एक रद्दी कपड़े की तरह गिरा देना। इसके लिए जो प्रयास करना पड़ता है,…
तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव किया था - अब तुम्हें…
ध्यान करने की चेष्टा करने पर व्यक्तिके सामने प्रारंभ में, सर्व प्रथम बाधा निद्रा- के रूपमें आती है। उस बाधा…