प्रेम और खुशी
तुम उस प्रेम से खुश नहीं होते जो कोई और तुम्हारे लिए अनुभव करता है। तुम्हें औरों के लिए जो प्रेम अनुभव होता है वह...
तुम उस प्रेम से खुश नहीं होते जो कोई और तुम्हारे लिए अनुभव करता है। तुम्हें औरों के लिए जो प्रेम अनुभव होता है वह...
साधना के दौरान इस तरह की थकान कई कारणों से आ सकती है : १. शरीर जितना ले सकने के लिए तैयार हो उससे ज़्यादा...
शाश्वत शांति और नीरवता में प्रकट होते हैं, किसी चीज़ से तुम अपने-आपको क्षुब्ध न होने दो तो शाश्वत अभिवक्त होंगे। सभी के लिए पूर्ण...
‘भागवत उपस्थिति’ दिन-रात सतत मौजूद है । चुपचाप अन्दर की ओर मुड़ना काफी है और हम उसे पा लेंगे । संदर्भ :माताजी के वचन (भाग...
मधुर माँ , एक लम्बे अरसे से मैं देख रहा हूँ कि मैं कुछ लजीला-सा हूं । मेरे अन्दर हीन-भावना है । मेरा ख्याल है...
जिस चीज़ से मनुष्य डरता है, वह तब तक आते रहने की प्रवृत्ति रखती है, जब तक की मनुष्य सीधे उसके सामने ताकने की और अपनी...
केवल ईश्वर के ही प्रभाव से प्रभावित होना, और किसी के प्रभाव को स्वीकार न करना – यही पवित्रता है । संदर्भ : श्रीअरविंद के...
कभी मत बुड़बुड़ाओ । जब तुम बुड्बुड़ाते हो तो तुम्हारे अन्दर सब तरह की शक्तियां घुस जाती हैं और तुम्हें नीचे खींच लेती हैं ।...
श्रीअरविंद धरती पर अतिमासनिक जगत की अभिव्यक्ति की घोषणा करने आये थे और उन्होने इस अभिव्यक्ति की घोषणा ही नहीं की बल्कि अंशत: अतिमानसिक शक्ति...
तुम्हें हमेशा पूरी-पूरी सहायता दी जाती है, लेकिन तुम्हें उसे अपने बाहरी साधनों द्वारा नहीं बल्कि अपने हृदय की नीरवता में ग्रहण करना सीखना होगा।...